बुधवार, 31 जुलाई 2013

सहेली रानी
६.५.२०१० 
सुना रही हूँ एक कहानी ,
मैं बातों - बातों में बताती ।

परी- सी वह शहजादी
था नाम उसका रानी
सबको लगती प्यारी
सहेली मेरी न्यारी ।

सुना रही हूँ एक कहानी ,
मैं बातों - बातों में बताती ।

करती सदा मनमानी
रोटी उसे नहीं भाती
पिजा चाव से खाती
उसे हुई इससे हानि ।

सुना रही हूँ एक कहानी ,
मैं बातों ................... ।
लगी उसे बीमारी
दुखी हुई माँ - नानी
कहना नहीं मानती
खटकती थी मनमानी ।

सुना रही हूँ एक कहानी
मैं बातों ...................... ।
थी माँ - नानी सयानी
रोटी का पिजा बनाती
बड़े चाव से वह खाती
दूर भागी बीमारी ।

सुना रही हूँ एक कहानी
मैं बातों .................. ।





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें