शनिवार, 26 जनवरी 2013

तिरंगे के रंगी में शहादत को सलाम


६४ वें गणतन्त्र दिवस ,प्रजासत्ता दिवस और लोकशाही दिवस की सत्यं - शिवं - सुन्दरं से  सजी शहादतों को सलाम . जिनकी वजह से हम सब भारतवासी आजादी की साँसे ले रहें हैं . उन्हीं  जाबाजों को मेरा गीत समर्पित -

तिरंगें में रंगी शहादत को सलाम

चलो चलें स्वागत करने
राष्ट्रीय त्यौहार आया
मंगल वेला है आई .

जिन शहीदों  के फाग से
देश का चमन है महका
उनकी वफादारियों  से
तिरंगा गर्व से झूमा.

चलो चलें आरती करने
राष्ट्रीय त्यौहार आया
मंगल वेला है छाई .

झंडे के हर ताने में
लिखी उनकी कुर्बानी
अनंत - अखंड ज्योति को
 करे सलाम भारतवासी .

चलो चलें पूजन  करने
राष्ट्रीय त्यौहार आया
मंगल वेला है नहाई .

तिरंगें के रंगों में
रंगी है उनकी देशभक्ति
चक्र बनी उनकी अँगुलियाँ
बलिदानों के गीत सुनाती .

चलो चलें वंदन करने
राष्ट्रीय त्यौहार आया
मंगल वेला है सजाई  .

लें वचन करें  उन्हें याद
न जाए  शहादत बेकार
 अंतर्भावना के यज्ञ से
भस्म हो घृणा की चिंगारी .

चलो चलें नमन करने
राष्ट्रीय त्यौहार आया
मंगल वेला है भाई.

मंजु गुप्ता

रविवार, 20 जनवरी 2013

कुंभ के हाइकु



 हाइकु 

मंजु गुप्ता 

आपदाओं के 

कहर से थर्राया

भू , जल , नभ 

२ 

किसानी रोती 

सूखाग्रस्त गाँवों में

फसलें जली  


लीला  प्रभु की 

कहीं बाढ़-अकाल 

सन्नाटा लाता 


कुंभ नगरी 

में लगा महाकुंभ 

कई रंगों में 



आस्था  का गोता 

भेदभाव की भित्ति 

को भेद देता 


प्रयाग तट 

 दिव्य रिद्धी- सिद्धि से

संक्रम होता 


अमृत कुंभ 

विविधता के सूत्र

बांधें ऐक्य में 


कुंभ उडेले 

समता का सागर 

धड़कनों में 


कुंभ का  पर्व 

जोड़ता  मानव को 

प्रभु सत्ता से 


कुंभ की शिक्षा 

 रिश्ता मानवता का 

जोड़े जग से 

१०

साधु- संतों में 

तप की बहे धारा

कुंभ पर्व में 

११

कुंभ जग में 

एकात्मदर्शन का 

है सच्चा साक्षी 

११


कुंभ नहान  

मन  के पाप धोता 

 मोक्ष मिलता 

गुरुवार, 10 जनवरी 2013

जन्मदिन की गजल

आदरणीय भाई जी 
सादर नमस्ते .

झूमती हुई  सुहानी तारीख १० जनवरी 2013 के ६२ वें  जन्मोत्सव पर्व पर हम सब की हार्दिक बधाई .

भावों के   समुंदर से  शुभकामनाओं की गजल प्रेषित कर रही हूँ -

दस जनवरी की भोर पर है  आज निखार 
करती  मुबारक जन्मदिन यह जश्ने बहार .

दसों दिशाओं की महफिल में मचा शोर 
किरणें  मंगल गीत गा रहीं बेशुमार  .

नजर न लगे वैरी जमाने की आपको 
नजर उतारने आई हवन की बयार .

खुशियों से खिले जीवन उपवन  सदा 
खुश किस्मत दुःखों  से करने आई करार .

दे रही फिजाएं आशीर्वाद - दुआएँ 
लुटा रहा चमन देकर आशीषें - प्यार .

माँ की दुआओं का जखीरा है संग में 
सफलता ,सुख, शांति का करे है  इजहार .

आपकी यश पताका संसार  में फहरे 
 करे बयाँ पौष की शीत लहर जोरदार .


पूरी हो धड़कनों की सारी आरजू  
 ' मंजु ' उठे इबादत  में हाथ बार - बार . 

सोमवार, 7 जनवरी 2013

गजल






  गजल 


आओ फिर से मिलकर लिखें देश की इबारत
रिश्तों के पृष्ठों पर बसे महोब्बत की नियामत .

दूषित मानसिकता का तम धरती  पै छाया 
संस्कारों की नींव पर खड़ी कर दें  इमारत .

दुराचारियों ने लूटी है बेटी की लाज 
गफ़लत की नींद  में सोई हुई   है सियासत .

लहू क्रांति का बहाकर के जगा देंगे सत्ता  
शहतीर दंडों से हो आबरू की हिफाजत .

दामिनी की ज्वाला  हर एक स्त्री में  है जली 
मिट्टी में नहीं मिलने देंगे उसकी शहादत .

काले दिन के जुल्मी दरिंदो को मिले फाँसी 
महफूज रहें नारियाँ ' मंजू '  करे इबादत .