शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

गाँधी को करूं मैं प्रणाम

गाँधी को करूं मैं प्रणाम



गाँधी को करूं मैं प्रणाम ,

गाँधी में था हिन्दुस्तान ,

 पाना आजादी  था काम ,

 सत्य - अहिंसा था  नाम .

गाँधी को .....................

आधा नंगा आधा ढका ,

हाड़ -मांस का  दुबला - पतला ,
जीवन भर कभी न थका

दलित - दीन खातिर सम्मान  .

गाँधी को .....................

 स्वच्छ देश का था  अभियान ,

सामूहिक जीवन की जान ,

रघुपति राघव राजा राम ,

था उनका नित्य  प्यारा  गान।

गाँधी को .....................

अपनाके सादगी - सरलता ,

जन - मन को निज गले लगा ,  

' मंजु ' चरखे को   चला - चला ,

 दिया स्वाबलंबन  पैगाम .

गाँधी को .....................

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