स्नेहिल नमस्ते .
पर्वराज वर्षगांठ ' ५ फरवरी ' के महान , पावन दिवस पर हम सब की मंगल - हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें .
आपको गजल का नजराना नजर कर रही हूँ -
शहर - शहर में हो रहा गुणगान
मौसम ' पांच फरवरी ' का हुआ जवान .
वर्षगांठ की भोर ने मचाया शोर
खुशियों की महफिलों में गूंजी तान .
स्वस्थ , सुखी , दीघार्यु हो बहन मेरी
जमाने की दुआएँ चढ़ी परवान .
चमन बहारों का सदा महकता रहें
दिल की बस्ती के पूरे हों अरमान .
मुबारकबाद ले आईं नजराना
कमल - सी खिलती रहे जीवन मुस्कान .
प्राणों की धारा बन बहती मुझ मैं
तुम्हारी आशिकी में ' मंजु ' कुरबान .
मंजु सपरिवार .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें