रविवार, 20 जनवरी 2013

कुंभ के हाइकु



 हाइकु 

मंजु गुप्ता 

आपदाओं के 

कहर से थर्राया

भू , जल , नभ 

२ 

किसानी रोती 

सूखाग्रस्त गाँवों में

फसलें जली  


लीला  प्रभु की 

कहीं बाढ़-अकाल 

सन्नाटा लाता 


कुंभ नगरी 

में लगा महाकुंभ 

कई रंगों में 



आस्था  का गोता 

भेदभाव की भित्ति 

को भेद देता 


प्रयाग तट 

 दिव्य रिद्धी- सिद्धि से

संक्रम होता 


अमृत कुंभ 

विविधता के सूत्र

बांधें ऐक्य में 


कुंभ उडेले 

समता का सागर 

धड़कनों में 


कुंभ का  पर्व 

जोड़ता  मानव को 

प्रभु सत्ता से 


कुंभ की शिक्षा 

 रिश्ता मानवता का 

जोड़े जग से 

१०

साधु- संतों में 

तप की बहे धारा

कुंभ पर्व में 

११

कुंभ जग में 

एकात्मदर्शन का 

है सच्चा साक्षी 

११


कुंभ नहान  

मन  के पाप धोता 

 मोक्ष मिलता 

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